बुधवार, 3 जून 2009

What is upcoming.........




ब्रम्हांड में अनेक ग्रह है लेकिन किसी में जीवन नही पाया जाता बस हमारी पृथ्वी में ही जीवन पाया जाता है, क्योकि पृथ्वी में पर्यावरण पाया जाता है पानी, पेड़ पोधे , जीव जंतु पाये जाते हे जो एक दुसरे से परिस्थ्तिक तंत्र से जुड़े होते है जून को विश्व पर्यावरण दिवस है हम सभी एक ग्रीन वर्ल्ड की कल्पना करते हे कितनी अच्छी लगती हे हमारे आसपास की दुनिया हरे भरे पेड़ पोधे, चिडियों का चहचहाना, बारिश की बुँदे और शीतल हवा ईश्वर ने हमको कितना प्यारा उपहार दिया है

आपने कभी किसी पेड़ को गले लगाया है , गले लगा कर देखा हें की वह तुमसे क्या कहता हे , कभी बारिश होने पर आसमान की और देखते हुए बारिश की बूंदों को चेहरे में पड़ने दिया है ये कितने प्यारा एहसास है जो किसी मानव निर्मित वस्तुओ में नही मिल सकता। ये हमारा पर्यावरण है जिसमे हम बचपन से ही पले बड़े है, ये ईश्वर की दुनिया हे जो मानव की अनदेखी से शैतान की दुनिया में जा रही है जिस तरह जंगल के जीव निरंतर विलुप्त होते जा रहे हे चारो तरफ़ प्रदुषण ही बढता जा रहा है हम बचपन से आज तक हजारो पर्यावरण सम्बन्धी लिख पढ़कर कुछ करने का सोचकर कुछ भी नही कर पाते है क्यो.....?? क्यो नही करते हम कुछ क्या हम लाचार है बेबश है या अभी से इसका दुख कर सकते है पर कुछ नही कर सकते हमें कुछ नही करना बस सभी चीजों का जो हम रोज़ ही उपयोग करते हे उसका सीमित उपयोग करना है वृक्षरोपन करना है पेड़ पोधे हमारे पर्यावरण के लिए बोहोत लाभदायक है कम से कम एक पोधा लगाइए और उसकी देख रेख कीजिये और पालीथिन का उपयोग बंद कीजिये क्योकि पालीथिन कभी नष्ट नहीं होती है इसलिए यह हमारे पर्यावरण और पशुओ के लिए हानिकारक है

एक छोटी सी चीटी की जान बचने के बाद हमें कितनी ख़ुशी होती है हम बस इतना करने से पूरे विश्व को बाचयेगे।

4 टिप्‍पणियां:

  1. बहुत सही और सुन्दर विचार हैं आपके !

    प्रकृति प्रेमी होने कारण मैं आपकी बात से पूर्णतयः सहमत हूँ !

    लिखते रहिये ......

    शुभकामनायें !

    आज की आवाज

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  2. कृपया वर्ड वैरिफिकेशन की उबाऊ प्रक्रिया हटा दें ! इसकी वजह से प्रतिक्रिया देने में अनावश्यक परेशानी होती है !

    तरीका :-
    डेशबोर्ड > सेटिंग > कमेंट्स > शो वर्ड वैरिफिकेशन फार कमेंट्स > सेलेक्ट नो > सेव सेटिंग्स

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  3. बहुत सही और सुन्दर विचार हैं आपके ! आप प्रकृति प्रेमी है जानकर अच्छा लगा । आशा है, भविष्य मे भी आपकी ऐसी रचनायें पढने को मिलेगीं। धन्यवाद।

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